पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से भी कोरोना संक्रमण का खतरा; इसमें जाने से बचें


जेन गंटर. कोरोना वायरस के माहौल में भी हमनेघर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। ऐसे में मॉल, पार्क्स या रेस्टोरेंट्स में मौजूद बाथरूम उपयोग करने की जरूरत भी बार-बार पड़ रही है। अबसवाल उठता है कि सार्वजनिक टॉयलेट यूज करना कितना सुरक्षित है?

बाथरूम कितने संक्रामक होते हैं?

  • हम जानते हैं कि किसी सरफेस कोछूने से भी कोरोनासंक्रमित हो सकते हैं। लेकिन हम कई बारसफाईकरने के बाद हाथ धोने से पहले जिन भी चीजों को छूते हैं, उन्हें माइक्रोब्स के कारण दूषित कर देते हैं। माइक्रोब्स जैसे- नोरोवायरस और ई कोली।
  • बाथरूम में हवा के कारण भी सांस के जरिए शरीर में जाने वाले वायरस जैसे- इंफ्लूएंजा से संक्रमित हो सकते हैं। अगर हवा में काफी ज्यादा मात्रा में पार्टिक्ल्स तैर रहे हैं तो सांस लेना खतरनाक हो सकता है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण है मीजल्स। अगर मीजल्स से ग्रस्त कोई व्यक्ति कमरे में गया है तो हवा 2 घंटे तक खतरनाक हो सकती है।
  • बाथरूम में एक और खतरा टॉयलेट प्लूम भी है। हर फ्लश के बाद टॉयलेट हवा में माइक्रोब्स की अदृश्यआर्मी छोड़ती है। इसके बाद ये माइक्रोब्स दीवार, टॉयलेट सीट, जमीन और गेट के हैंडल पर लग जाते हैं। एक नई स्टडी बताती है कि फ्लश करने के बाद संक्रमित करने वाले पार्टिकल्स हवा में करीब एक मिनट तक रहते हैं। इसके बाद दूषित फ्लश के बाद लगातार अगले कई फ्लश प्लूम छोड़ते रहते हैं।

ऐसे में कोरोनावायरस की संभावना
आमतौर पर माना जा रहा है कि दूषित सतह के संपर्क में आना कोरोनावायरस फैलने का मुख्य जरिया नहीं है। हालांकि अभी इस मामले पर स्टडी पूरी नहीं हुई है। बाथरूम शेयर करना गेस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन के फैलने को बढ़ा सकता है। हम अभी यह नहीं जानते कि कोरोनावायरस जैसे सांस के जरिए फैलने वाले वायरस में बाथरूम क्या भूमिका निभाते हैं। अभी तक यह भी साफ नहीं है कि टॉयेलट प्लूम में मौजूद कोरोनावायरस एयरोसोल्स से कितना खतरा है।

कॉमन बाथरूम का उपयोग करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें

  • बाथरूम में संक्रमण से बचने का सबसे बढ़िया तरीका मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सतह को कम से कम छूना है।
  • बड़े बाथरूम में जानें की कोशिश करें, क्योंकि यहा एयर सर्कुलेशन अच्छा होता है।
  • अगर कोई आपके सामने आपसे पहले बाथरूम में है, तो अंदर जाने से पहले कम से कम 60 सेकंड का इंतजार करें।
  • पेपर से टॉयलेट का सीट कवर न बनाएं। क्योंकि यह आसानी से टॉयलेट प्लूम से दूषित हो जाते हैं। ऐसे में हाथ से इन्हें छूना संक्रमण फैलाने का कारण हो सकता है।
  • अगर टॉयलेट में लिड है तो फ्लश से पहले इसे बंद कर दें। इससे प्लूम अंदर ही ट्रैप हो जाएगी।
  • अगर टॉयलेट में फ्लश ऑटोमैटिक है, तो स्प्रे से बचने के लिए कुछ कदम पीछे हो जाएं।
  • आप हाथ धोने के बाद उन्हें कैसे साफ करते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन रीयूज टॉवेल के उपयोग से बचें।
  • बाथरूम में कम से कम वक्त बिताएं। अगर आपको बाहर जाने के लिए गेट खोलना पड़ रहा है तो बाद में हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।

अगर बाथरूम न मिले तो

  • पहले तो बाथरूम की जरूरत ही न आने दें। अपने पानी पीने की आदत को थोड़ा बदल लें।
  • महिलाएं अपने पेल्विक फ्लोर मसल को जल्दी-जल्दी पांच बार दबा सकती हैं। इसे क्विक फ्लिक्स कहा जाता है। इससे आपके ब्लेडर को आराम मिलेगा और बाथरूम जाने की जरूरत कुछ कम होगी।
  • बाहर बाथरूम जाना आखिरी रास्ता हो सकता है। अगर हर कोई बाहर ऐसा करने लगा तो बदबू असहनीय हो जाएगी और लोग बिना वजह बीमार पड़ जाएंगे।

केवल अपने बारे में न सोचें

अगर आप किसी पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट यूज कर रहे हैं तो कई सावधानियों के साथ कुछ जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखें। कोरोनावायरस महामारी के दौर में बाथरूम एटिकेट्स भी अहम भूमिका निभाएंगे। जब भी कोई बाथरूम यूज करें तो केवल अपने बारे में न सोचें। आपके बाद टॉयलेट में आने वाले लोगों का भी ख्याल करें।



from Dainik Bhaskar 

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