बड़े शहरों के कई क्षेत्रों में कारों पर पाबंदी, पेरिस में 1400 किमी साइकल लेन बनाने की तैयारी

कोरोना वायरस प्रकोप के बीच कई बड़े शहरों में बदलाव की कोशिश शुरू हो गई है। अमेरिका, यूरोप में कुछ मेयरों ने हजारों एकड़ जमीन में नए पार्क बनाने का इरादा जताया है। सौर ऊर्जा से बिजली बनाने, भवनों में ज्यादा प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था और शहर के अंदरूनी इलाकों में प्राइवेट कारों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

कार्बन उत्सर्जन घटाने और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। पेरिस की मेयर एन हिडाल्गो ने फ्रांस के सबसे बड़े शहर में 1400 किलोमीटर सड़कों में साइकल लेन बनाने का फैसला लिया है।
मेयरों के प्रयासों का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि सभी देशों के नेताओं ने 2015 में कार्बन उत्सर्जन पर ग्लोबल जलवायु समझौता किया है।

लॉकडाउन से शहरों में छाई खामोशी ने शहरों को स्वस्थ बनाने का संदेश मजबूत किया

पेरिस के सिटी हाल में अपने ऑफिस में बैठी हिडाल्गो कहती हैं, महीनों के लॉकडाउन से शहरों में छाई खामोशी ने शहरों को स्वस्थ बनाने का संदेश मजबूत किया है। वे कुछ दिन पहले ही छह साल के लिए दोबारा शहर की मेयर चुनी गई हैं। उनके चुनाव का मुख्य मुद्दा कारों के इस्तेमाल में भारी कटौती सुनिश्चित करने का था।

हिडाल्गो की सबसे विवादास्पद योजना पेरिस के बीच से गुजरने वाली लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों को केवल साइकल के लिए सुरक्षित रखने की है। वे इसका विस्तार करेंगी। मेयर ने हजारों पार्किंग स्पेस खत्म कर दिए हैं। कई प्रमुख सड़कों में कारों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। पेरिस में 2024 से डीजल कारों का चलना बंद कर दिया जाएगा।

लॉकडाउन के बीच 49 किलोमीटर सड़कों को साइकल लेन में बदल दिया

लगभग 50 हजार बिल्डिंग में वेंटिलेशन सुधारा है। लॉकडाउन के बीच 49 किलोमीटर सड़कों को साइकल लेन में बदल दिया है। इन्हें कोरोना लेन्स नाम दिया है। पिछले दिनों उबर और अन्य प्राइवेट टैक्सी सेवाओं के 2500 ड्राइवरों ने साइकल लेन बनाने के विरोध में प्रदर्शन किया था।

हिडाल्गो पिछले साल तक विश्व के बड़े शहरों के संगठन सी 40 की प्रमुख रहीं। कोरोना वायरस महामारी के बीच मई में ग्रुप की ऑनलाइन बैठक हुई। इसके साथ कई मेयरों ने कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। मिलान के मेयर गुईसेपे साला का 30 किलोमीटर में नई साइकल लेन बनाने का प्रस्ताव है। लंदन के मेयर सादिक खान ने शहर के अंदरूनी इलाकों में आने वाली कारों पर टोल टैक्स बढ़ाया है।

इस्तांबुल को भी हरा-भरा और खुला बनाया जा रहा है। इधर, यूरोप में पर्यावरण समर्थक पार्टियों का प्रभाव बढ़ा है। 28 जून को हुए चुनाव में ग्रीन पार्टी-ईईएलवी ने फ्रांस के लियोन, बोर्डिअक्स जैसे बड़े शहरों में मेयर का चुनाव जीता है। ग्रीन पार्टियों ने पिछले साल यूरोपीय संसद में 10% सीटें जीती थीं। उन्हें जर्मनी के स्थानीय चुनावों में 20% वोट मिले हैं।

60% कार्बन उत्सर्जन सिर्फ शहरों से

संयुक्त राष्ट्र आंकड़ों के अनुसार, धरती के कुल क्षेत्रफल में शहरों का हिस्सा केवल 2% है। लेकिन, उनमें दुनिया की 78 % ऊर्जा की खपत होती है। वे पूरे कार्बन उत्सर्जन का 60% से अधिक छोड़ते हैं। टोरंटो यूनिवर्सिटी में शहरी जीवन के विशेषज्ञ रिचर्ड फ्लोरिडा का कहना है, शहर औद्योगिक युग के अवशेष हैं। उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए नए सिरे से डिजाइन करना होगा।

63 अमेरिकी शहर कार्बन उत्सर्जन में आगे

प्रति व्यक्ति सबसे अधिक कार्बन छोड़ने वाले दुनिया के 100 सर्वोच्च शहरों में से 63 अमेरिका में हैं। यह संख्या दूसरे स्थान पर मौजूद चीन से चार गुना से भी अधिक है। चीन के 14 शहर सूची में हैं। बाकी 23 शहर अन्य देशों में हैं।

- टाइम मैगजीन से विशेष अनुबंध के तहत



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from Dainik Bhaskar 

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