फर्जी लाइसेंस वाले 15 और पायलटों के लाइसेंस सस्पेंड, 262 पायलटों के एयरक्राफ्ट उड़ाने पर रोक लगाई जा चुकी है

पाकिस्तान में फर्जी लाइसेंस रखने के आरोप में 15 और पायलटों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। ये उन 262 पायलटों में शामिल हैं जिन पर फर्जी लाइसेंस रखने का आरोप है। इन 262 पायलटों के उड़ान भरने पर भी रोक लगा दी गई है। इससे पहले 28 और पायलटों के लाइसेंस सस्पेंड किए जा चुके हैं।

एविएशन डिवीजन के प्रवक्ता अब्दुल सत्तार खोखर ने कहा कि कैबिनेट ने इन 28 पायलटों के लाइसेंस कैंसिल करने की मंजूरी दे दी है। 93 पायलटों के लाइंसेस के वैरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 141 मामलों की प्रक्रिया एक हफ्ते में पूरी होने की उम्मीद है। फर्जी लाइसेंस का मामला कराची प्लेन क्रैश के बाद सामने आया था

एविएशन मिनिस्टर ने पीआईए के 40% फर्जी की बात की थी
22 मई को कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद सरकार ने इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश की थी। एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कहा था कि पीआईए के 40% पायलट्स के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान में कुल 860 कमर्शियल पायलट हैं। एविएशन मिनिस्टर के मुताबिक, जिन पायलटों की जांच की जा रही है, उन सभी का रिक्रूटमेंट 2018 के पहले हुआ था। इसके लिए इमरान खान सरकार जिम्मेदार नहीं है, उसने तो इस धांधली को उजागर किया है।

कई देश पीआईए की फ्लाइट्स पर बैन लगा चुके
पाकिस्तान के 107 पायलट्स फॉरेन एयरलाइंस कंपनियों में काम करते हैं। फर्जी पायलटों के मुद्दे पर अमेरिका के साथ ही कुवैत, ईरान, मलेशिया, जॉर्डन और यूएई जैसे मुस्लिम देश पीआईए और पाकिस्तानी पायलटों को बैन कर चुके हैं। अमेरिका के ट्रांसपोर्टेशन विभाग ने कहा था कि पाकिस्तान के पायलटों के लाइसेंस और सर्टिफिकेट को लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने चिंता जाहिर की थी। हमने पीआईए से अमेरिका में चार्टर प्लेन्स ऑपरेट करने की परमिशन वापस ले ली है।
हर महीने 6 अरब रुपए का घाटा
रिपोर्ट के मुताबिक, पीआईए की हालत इतनी खराब हो गई है कि इस नेशनल कैरियर को कभी भी बंद किया जा सकता है। इस सरकारी एयरलाइन कंपनी को हर महीने करीब 6 अरब पाकिस्तानी रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पैसेंजर्स बढ़ाने के लिए डोमेस्टिक टिकट के रेट कम किए गए। लेकिन, इसका कोई फायदा नहीं हुआ। हर साल सैलरीज पर ही 24 अरब रुपए खर्च होते हैं। एयरलाइन में 14 हजार 500 कर्मचारी हैं।






 

from Dainik Bhaskar


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