अमेरिका की ब्राजील को दो टूक- 5जी नेटवर्क के लिए हुबेई को कॉन्ट्रैक्ट न दें, ऐसा हुआ तो नतीजे भुगतने के लिए भी तैयार रहें

चीन को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर बेहद सख्त रुख दिखाया। अगले साल 5जी नेटवर्क के लिए टेंडर जारी करने जा रहे ब्राजील से अमेरिका ने कहा है कि वो इस नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट चीन की हुबेई कंपनी को न दे। अमेरिका ने साफ कहा है कि अगर हुबेई को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा और ब्राजील को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

नए विवाद की जड़ क्या
ब्राजील में राष्ट्रपति जाएर बोल्सोनारो की सरकार अगले साल जनवरी में 5जी नेटवर्क तैयार करने जा रही है। इसके लिए टेंडर प्रॉसेस शुरू की जा रही है। माना जा रहा है कि चीन की हुबेई कंपनी इस दौड़ में सबसे आगे है। हुबेई पर आरोप हैं कि वो टेलिकॉम की आड़ में जासूसी करती है। डाटा जुटाने के बाद इसे चीन की सरकार को सौंप दिया जाता है। अमेरिका के अलावा कई देश हुबेई पर सख्त रुख अपनाते रहे हैं।

इसमें नया क्या है
अमेरिका नहीं चाहता कि ब्राजील सरकार 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट हुबेई को दे। इसके लिए ट्रम्प सरकार ने ब्राजील पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लैटिन अमेरिका में ब्राजील सबसे बड़ा देश है। अमेरिका और ब्राजील के रिश्ते काफी मजबूत हैं। ब्राजील में अमेरिकी एम्बेसेडर टॉड चैपमेन ने कहा- हुबेई को यह कॉन्ट्रैक्ट देना अमेरिका को मंजूर नहीं। एम्बेसेडर के तौर पर मैं ये तो नहीं कहूंगा कि हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। लेकिन, इतना जरूर तय है कि नतीजे भुगतने होंगे।

तीन कंपनियां रेस में
चैपमेन ने ब्राजील सरकार को विकल्पों के बारे में भी बताया। कहा- हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने में कोई अमेरिकी कंपनी शामिल नहीं है। न ये पैसा कमाने का मामला है। हम सिर्फ देश की सुरक्षा पर जोर देना चाहते हैं। ब्राजील के पास स्वीडन की इरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के अलावा दक्षिण कोरिया की कंपनी के भी ऑप्शन हैं।

ब्रिटेन ने भी हुबेई को झटका दिया
जुलाई की शुरुआत में ब्रिटेन सरकार ने साफ कर दिया था कि उसका टेलिकॉम डिपार्टमेंट अपने 5जी नेटवर्क से हुबेई के सभी इक्युपमेंट्स हटाएगा। और यह काम बहुत जल्द किया जाएगा। ब्रिटेन ने कहा था कि हुबेई जासूसी कर रही है। इसके बाद ब्राजील भी ऐसा ही कर सकता है। ब्राजील पर इसलिए दबाव ज्यादा है क्योंकि इसकी सीमाएं अमेरिका से लगी हैं।

 

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from Dainik Bhaskar 

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