पाकिस्तान के पेशावर में ईशनिंदा के आरोपी अहमदी समुदाय के एक युवक को जज के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस अधिकारी एजाज अहमद ने अल जजीरा को बताया कि तहरीर अहमद नसीम को बुधवार को एक जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान छह गोली मारी गई थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हत्यारे को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पहचान खालिद खान के रूप में की गई। उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उसका कहना है कि उसने ईशनिंदा के लिए तहरीर अहमद को मारा।
कोर्ट छावनी इलाके में उच्च-सुरक्षा क्षेत्र में स्थित है। यहां प्रांत का विधानसभा भवन, पेशावर हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री सचिवालय और गवर्नर हाउस भी स्थित हैं। कोर्ट में मौजूद वकील ने कहा कि तहरीर अहमद के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज था। उसे पेशावर सेंट्रल जेल से कोर्ट लाया गया था।
2018 में गिरफ्तारी हुई थी
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट कर दिया है। ईशनिंदा के आरोप में उसे 2018 में गिरफ्तार किया गया था। ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है। यहां केवल आरोप लगने पर ही आरोपी भीड़ की हिंसा का शिकार हो जाते हैं।
पाकिस्तान के सख्त ईश निंदा कानूनों का उल्लंघन करने पर मौत की सजा भी दी जा सकती है। कुछ अधिकार समूहों का कहना है कि कई बार व्यक्तिगत बदला लेने के लिए भी इसका दुरुपयोग किया जाता है।
अहमदी समुदाय के लोगों को मुस्लिम कहे जाने पर बैन
पाकिस्तान के कई हिस्सों में ईशनिंदा की घटनाएं हुई हैं, जिनमें अहमदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जाता रहा है। 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया। एक दशक बाद इस समुदाय के लोगों को मुस्लिम कहे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें प्रचार करने और तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब जाने पर भी बैन लगा दिया गया।
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from Dainik Bhaskar
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