जापान के स्पेस सेंटर से मंगल के लिए सैटेलाइट भेजा गया, यह उपलब्धि हासिल करने वाला यूएई दुनिया का 7वां देश

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का मार्स मिशन ‘होप’ रविवार को जापान के तानेगशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। इसे स्थानीय समयानुसार सुबह 6.58 बजे मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज के एच-आईआईए रॉकेट से लॉन्च किया गया। मित्सुबिशी के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट रॉकेट से अलग हो गया है और सही ढंग से काम कर रहा है। खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग में पांच दिन की देरी हुई।रूस, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, चीन, जापान, भारत के बाद यूएई यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का सातवां देश है।

दुबई के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर में भी लोगों ने लॉन्चिंग को बड़े स्क्रीन के जरिए देखा। जैसे ही आर्बिटर रॉकेट से अलग हुआ, सभी साइंटिस्ट्स ने ताली बजाकर खुशी जाहिर की। इमिरेट्स के मार्स मिशन के डायरेक्टर ओमरान शराफ ने लिफ्ट ऑफ के डेढ़ घंटे बताया कि यह सही सिग्नल्स भेज रहा है।

यह यूएई के स्पेस सेक्टर के लिए अहम
होप मिशन यूएई के स्पेस सेक्टर के लिए अहम माना जा रहा है। यूएई के 450 से ज्यादा इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स करीब 6 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। अब तक देश ने सिर्फ तीन सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। ये तीनों पृथ्वी के वायुमंडल में होने वाले बदलावों और इसके असर पर नजर रखने के मकसद से भेजी गएहैं। इनमें से दो दक्षिण कोरिया ने तैयार किए और रूस ने लॉन्च किया था। पहली बार है जब यूएई ने देश मेंतैयार ऑर्बिटर अंतरिक्ष में भेजा है।

आर्बिटर के फरवरी 2021 में मंगल तक पहुंचने की उम्मीद

होप आर्बिटर के फरवरी 2021 तक मार्स की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है। यह मिशन यूएई के लिए अहम माना जा रहा है। आर्बिटर कम से कम दो साल तक मंगल की कक्षा के चक्कर लगाएगा। इसमें तीन ऐसे इंस्ट्रूमेंट लगे हैं जो मंगल ग्रह के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन करेंगे और क्लाइमेट चेंज के बारे में जानकारी जुटाएंगे। यूएई ने कहा कि यह पहली बार अलग-अलग मौसम में मंगल के वायुमंडल की पूरी तस्वीर सामने रखेगा।

पहली बार यूएई के अंतरिक्ष मिशन की कमान महिला संभाल रही

पहली बार यूएई ने अंतरिक्ष मिशन की कमान महिला साइंटिस्ट सारा अल अमीरी को सौंपी है। सारा ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस मिशन की लॉन्चिंग के शुरुआती 24 घंटे में वह खुद इस पर नजर रखेंगी। क्योंकि इसी समय में उन्हें मिशन की सफलता से जुड़े शुरुआती नतीजे मिलेंगे। सारा पहले दुबई के राशिद स्पेस सेंटर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करतीं थीं। उन्होंने शारजाह की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली है।



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