भारतवंशी वोटर बड़ा फेरबदल कर सकते हैं; पिछली बार 77% डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में थे, इस बार रिपब्लिकन पार्टी की तरफ ज्यादा झुकाव 

भारतवंशी समुदाय 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपतिचुनावों में बड़ा फेरबदल कर सकताहै।दोनोंही पार्टियों(डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन) के लिए इस समुदाय को लुभाना जरूरी हो गया है। अमेरिका मेंचुनावों के लिए करीब 100 दिन बचे हैं। इस बार रिपब्लिक पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प के सामने डेमोक्रेटजो बिडेन हैं।

2016 में 77% डेमोक्रेटिक के पक्ष में थे
अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेटिक नेता थॉमस पेरेज ने एक वर्चुअल इवेंट मेंबताया कि 2016 के चुनाव में 77% इंडियन-अमेरिकन डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में थे। मौजूदा समय में इस कम्युनिटी में डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रभाव कम हुआ है। हाल ही में हुए सर्वे में यह सामने आयाकि हिलेरी का जितना प्रभाव इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी में था, उतना बिडेन का नहीं है। हालांकि, पार्टी भारतवंशियों पर असर डालने की पूरी कोशिश में है।

इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी को साथ लिया तो बाजी पलट सकती है

थॉमस पेरेज ने बताया कि कई स्टेट में इंडियन-कम्युनिटी का वोट गेमचेंजिंग है। उन्होंने 2016 के चुनावों मिशिगन, पेंसिलवेनिया और विस्कॉन्सिन में डेमोक्रेट्स की हार का जिक्र किया। पेरेज ने कहा- अगर इन जगहों पर इंडियन-अमेरिकन वोटरों को पूरी तरह अपने पक्ष में कर लिया जाता है तोबाजी पलट सकती है।

  • मिशिगन में 1 लाख 25 हजार इंडियन-अमेरिकन वोटर हैं। यहां से हिलेरी क्लिंटन को 10 हजार 700 वोट्स से हार मिली थी।
  • पेंसिलवेनिया में 1 लाख 56 हजार इंडियन-अमेरिकन वोटर हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी यहां पर 42 से 43 हजार वोटों से हार गई थी।
  • विस्कॉन्सिन में 37 हजार इंडियन-अमेरिकन हैं। डेमोक्रेट्सको यहां से 21 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

अमेरिका के आठ राज्यों में 13 लाख इंडियन-अमेरिकन वोटर
अमेरिका में एएपीआई (एशियन-अमेरिकन और पैसिफिक आईलैंडर) के चेयरमैन शेखर नरसिम्हा ने कहा कि अमेरिका के आठ राज्यों में 13 लाख इंडियन-अमेरिकन वोटर हैं। ये राज्य एरिजोना (66000), फ्लोरिडा (193,000), जॉर्जिया (150,000), मिशिगन (125,000), नार्थ कैरोलिना (111,000), पेन्सिलवेनिया (156,000), टेक्सास (475,000) और विस्कॉन्सिन (37,000) हैं। यह जानकारी डेटा गुरु कार्तिक रामकृष्णन की नई रिसर्च ले ली गई है।

 

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