भारत पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाने के बाद संकट में घिरे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अब पाकिस्तान का साथ मिला है। इस्लामाबाद से नेपाल के विदेश मंत्रालय को संदेश भेजा गया है। इसमें नेपाल पीएम से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात करने का समय मांगा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच तनाव के दौरान पाकिस्तान नेपाल के प्रधानमंत्री का साथ देना चाहता है ताकि भारत पर दबाव बढ़ाया जा सके। पाकिस्तान यह कूटनीतिक कदम उस वक्त उठा रहा है, जब ओली अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कराची स्टॉक एक्सचेंज में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया था।
ओली ने कहा था- भारत विरोधियों के साथ मिलकर साजिश रच रहा
केपी शर्मा ओली ने रविवार को आरोप लगाया था कि विरोधी भारत के साथ साठगांठ करके उनकी सरकार गिराना चाहते हैं। ओली ने कहा था कि देश के नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बनाए जाने के बाद भारत मेरे विराधियों के साथ मिलकर साजिश रच रहा है।
पार्टी नेताओं ने ही की ओली के इस्तीफे की मांग
एनसीपी के उपाध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मंगलवार को ओली के इस्तीफे की मांग की थी। उन्होंने ओली के भारत पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उन्होंने कहा था उन्होंने पार्टी और ओली सरकार से किनारा कर लिया है।
नक्शे को लेकर क्या है विवाद
भारत-नेपाल रिश्तों में खटास उस समय शुरू हुई जब नेपाल ने अपने नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पीयाधुरा को अपनी सीमा में दिखाया। नेपाल की संसद ने इसे मंजूरी भी दे दी। इसके बाद से ही भारत और नेपाल में तनातनी का दौर शुरू हुआ।
भारत-चीन विवाद के बीच पाकिस्तान की चाल
नेपाल को पाकिस्तान की ओर से बातचीत की पेशकश ऐसे समय की गई है, जब लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। नेपाल और पाकिस्तान दोनों ही देशों चीन के इशारे पर काम कर रहे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान बड़ी साजिश रच रहा है। इसमें वह अपने साथ नेपाल को शामिल करना चाहता है।
from Dainik Bhaskar
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