सिंगापुर का एक युवक अमेरिका में चीन के एजेंट के रूप में काम करने का दोषी ठहराया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जून वी येओ पर अमेरिका में राजनीतिक कंसल्टेंसी का इस्तेमाल कर चीनी खुफिया एजेंसी के लिए सूचनाएं जमा करने का आरोप लगा है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि 39 साल का जून जिसे डिकसन येओ के नाम से भी जाना जाता है, उसे शुक्रवार को फेडरल कोर्ट में चीनी सरकार के एजेंट के रूप में काम करने का दोषी ठहराया गया। उस पर पहले भी चीनी खुफिया एजेंसियों के लिए अहम और सीक्रेट इंफॉर्मेशन चोरी करने का आरोप लगाया गया था।
वह सिंगापुर की यूनिवर्सिटी में पीएचडी स्टूडेंट था। 2015 की शुरुआत से वह चीनी खुफिया एजेंसी के साथ काम करता था। वह उस साल साउथ-ईस्ट एशिया में राजनीतिक स्थिति पर एक प्रजेंटेशन के लिए बीजिंग गया था, जहां वह चीनी एजेंसी के संपर्क में आया।
जानकारी के मुताबिक, जून संवेदनशील सूचनाओं के लिए लिंक्डइन जैसे वेबसाइट के जरिए लोगों को निशाना बनाता था। उसे 2019 में भी गिरफ्तार किया गया था।
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चीनी साइंटिस्ट गिरफ्तार
उधर, एफबीआई ने शुक्रवार को रात करीब 3 बजे सैन फ्रांसिस्को की डिप्लोमैटिक फैसेलिटी से चीनी साइंटिस्ट तांग जुआन (37) को गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियां देश में तीन और चीनी जासूसों की तलाश कर रही हैं। देश की सीमाओं पर मौजूद अफसरों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
ह्यूस्टन और टेक्सास में चीनी कॉन्स्युलेट बंद
हाल में अमेरिका ने ह्यूस्टन और टेक्सास में चीनी कॉन्स्युलेट बंद कर दिए। इसके बाद चीन ने भी शुक्रवार को चेंग्दू शहर में अमेरिकी कॉन्स्युलेट का लाइसेंस वापस ले लिया। साथ ही चीन ने कहा कि अमेरिका का कदम गैरजरूरी था। उसने जैसा किया, वैसा जवाब देना जरूरी और सही है।
चीन पर बौद्धिक संपदा के चोरी का आरोप
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि यह कॉन्स्युलेट बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि चीन बौद्धिक संपदा की चोरी कर रहा था। दरअसल, मंगलवार रात ह्यूस्टन स्थित चीनी कॉन्स्युलेट में हजारों डॉक्यूमेंट्स जलाए गए।
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from Dainik Bhaskar
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