ब्रिटेन ने 1997 में 1 जुलाई को हॉन्गकॉन्ग को चीन को सौंपा था। आज हॉन्गकॉन्ग को ब्रिटेन से अलग हुए 23 साल हो गए हैं। इस मौके पर चीन ने हॉन्गकॉन्ग में ‘एंटी प्रोटेस्ट’ लॉ लागू किया है, जो आज से प्रभावी हो जाएगा। इस मौके पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें हॉन्गकॉन्ग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लेम समेत कई लोग शामिल हुए।
ब्रिटेन ने एक देश दो व्यवस्था के तहत हॉन्गकॉन्ग को चीन को सौंपा था। इस समझौते के तहत हॉन्गकॉन्ग को ऐसी आजादी मिली है, जो मेनलैंड चाइना को नहीं मिली है। जैसे कि हॉन्गकॉन्ग में अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्र न्यायपालिका है, जो चीन में नहीं है।इन आजादी के चलते ही हॉन्गकॉन्ग को विशेष दर्जा हासिल है।
हॉन्गकॉन्ग के लोगों को राजनीतिक और आर्थिक आजादी मिली थी
नए सुरक्षा कानून आने के बाद वहां के लोगों को अब अपनी आजादी खत्म होने का डर सताने लगा है। हालांकि, जब ब्रिटेन ने चीन को हॉन्गकॉन्ग सौंपा था, 50 सालों तक विदेश और रक्षा मामलों को छोड़कर राजनीतिक और आर्थिक आजादी मिली थी।
लोगों से प्रदर्शन करने का अधिकार छीन जाएगा
वहीं, नए सुरक्षा कानून के आने के बाद आलोचकों का कहना है कि यह कानून हॉन्गकॉन्ग की आजादी को खत्म कर देगा। वहीं, देश के नेताओं का कहना है कि इस कानून से यहां स्थिरता आएगी। लोग अब प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। कानून के तहत हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध करने जैसी गतिविधियों के लिए दोषी व्यक्ति को अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान होगा।
from Dainik Bhaskar
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