नेपाल में दूरदर्शन को छोड़कर बाकी न्यूज चैनलों को बैन कर दिया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री युबराज खाटीवाडा ने गुरुवार को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा कि ये चैनल हमारे खिलाफ प्रोपोगैंडा फैला रहे हैं और हमारे नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं।
इस बीच, खबर है कि चीनी राजदूत होउ यांगकी और नेपाल के शीर्ष नेताओं के बीच बैठकों का दौर बढ़ता जा रहा है। चीनी राजदूत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के चेयरमैन पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड से मुलाकात की।
नेपाल में भारतीय समाचार चैनल बंद
नेपाल के केबल टीवी प्रोवाइडर्स ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, देश में भारतीय समाचार चैनलों के सिग्नल बंद हो गए हैं। हालांकि इस संबंध में अब तक कोई ऑफिशियल गवर्नमेंट ऑर्डर नहीं मिले हैं।भारतीय मीडिया ने ओली के खिलाफ दुष्प्रचार की सारी हदें पार कीं- एनसीपी
इससे पहले नेपाली मीडिया के हवाले से पूर्व उप-प्रधानमंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने भारतीय मीडिया को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार और प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ भारतीय मीडिया ने दुष्प्रचार की सारी हदें पार कर दी हैं। अब यह बहुत हो रहा है। इसे बंद करना चाहिए।
राष्ट्रपति समेत कई दिग्गज नेताओं से मिल चुकीं हैं होउ
नेपाली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाली राजदूत ने गुरुवार को प्रचंड के साथ उनके निवास पर मीटिंग की, लेकिन दोनों ने मीटिंग के संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। होउ ने हाल ही में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, झलनाथ खना, सरकार के मंत्री समेत सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं से भी मुलाकात कर चुकीं हैं।हालांकि काठमांडू में एक के बाद एक सत्तारूढ़ पार्टी नेताओं से चीनी राजदूत की बैठक से सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है। माना जा रहा है कि चीन पार्टी में चल रहे विवाद की खाई को पाटने की कोशिश का रहा है।
ओली और दहल के बीच 6 दौर की बातचीत हो चुकी है
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी पार्टी एनसीपी में अकेले पड़ गए हैं लेकिन इस्तीफे को तैयार नहीं हैं। वहीं, उनके मुख्य विरोधी प्रचंड ओली के इस्तीफे से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक टलने के बाद दोनों नेताओं के बीच 6 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, मसला सुलझने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे।
44 में से 33 सदस्यों ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी
पार्टी में चल रहे गतिरोध का हल निकालने के लिए कम्यूनिस्ट पार्टी ने ओली की सरकार के वर्किंग स्टाइल और फेलियर पर चर्चा के लिए स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाई थी। बैठक में 44 में से 33 सदस्यों ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन ओली कुर्सी नहीं छोड़ने तैयार नहीं हुए। स्टैंडिंग कमेटी के एक मेंबर ने बताया कि स्टैंडिंग कमेटी की बैठक स्थगित होने के बाद अब तक प्रचंड और ओली के बीच 6 बैठकें हो चुकीं है, लेकिन मामले अभी और डेवलपेंट होंगे।
from Dainik Bhaskar
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