डेडलाइन खत्म होने के बाद चीन के ह्यूस्टन कॉन्स्युलेट्स में दाखिल हुए अमेरिकी एजेंट्स, चीनी जासूस गिरफ्तार

अमेरिका ने चीन के खिलाफ रुख और सख्त कर लिया। चीन को मंगलवार को ह्यूस्टन कॉन्स्युलेट 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए गए थे। शुक्रवार शाम 4 बजे जैसे ही डेडलाइन खत्म हुई, अमेरिकी एजेंट्स इस बिल्डिंग में दाखिल हो गए। अंदर मौजूद कुछ लोगों ने गेट नहीं खोला। इस पर एफबीआई ने उन्हें वॉर्निंग दी। इसके बाद एजेंट्स ने दरवाजा ताकत के इस्तेमाल से खुलवाया। इस बीच, कॉन्स्युलेट में छिपे एक चीनी जासूस को गिरफ्तार कर लिया गया।

जासूस की गिरफ्तारी कहां से हुई
अब तक आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि एफबीआई ने चीनी जासूस को कहां से गिरफ्तार किया। कुछ खबरों में इसे महिला एजेंट बताया गया है जो न्यूयॉर्क की एक रिसर्च लैब में भी काम कर चुकी है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पहले ही साफ कर दिया था कि चीनी कॉन्स्युलेट्स का इस्तेमाल अमेरिका की जासूसी में हो रहा है, और इसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

एफबीआई को क्या मिला
अब तक यह साफ नहीं है कि एफबीआई को ह्यूस्टन की कॉन्स्युलेट से क्या मिला। हालांकि, एजेंट्स के दाखिल होने के बाद कई लोग बक्से लेकर बाहर निकलते दिखे। ये लोग लोकल पुलिस डिपार्टमेंट के थे। एफबीआई के साथ फोरेंसिक डिपार्टमेंट की एक स्पेशल टीम भी आई थी। माना जा रहा है कि इस टीम ने मंगलवार को जलाए गए दस्तावेज के सुराग तलाशे। दस्तावेज जलाए जाने की घटना के बाद ही कॉन्स्युलेट पर शक हुआ था। इसके बाद इसे 72 घंट में बंद करने के आदेश दिए गए थे।

हर हरकत पर नजर
मंगलवार के बाद से ही कॉन्स्युलेट के बाहर एफबीआई के एजेंट्स तैनात थे। ये यहां होने वाली हर हरकत पर पैनी नजर रख रहे थे। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे यहां कई ब्लैक एसयूवी, ट्रक और दो व्हाइट वैन पहुंचीं। चार बजते ही एजेंट्स ने जबरदस्ती गेट खुलवाया और ये गाड़ियां भी अंदर दाखिल हो गईं। इस दौरान लोकल पुलिस बाहर तैनात थी। तलाशी के बाद बिल्डिंग को सील कर दिया गया।

यह छोटी सी घटना
सीएनएन से बातचीत में एक अमेरिकी अफसर ने कहा, “ह्यूस्टन में जो हुआ वह तो छोटी से घटना है। साजिश के तार बहुत दूर तक फैले हैं। इसकी जानकारी हमें मिल चुकी है। अमेरिका के कम से कम 25 शहरों में जासूसी का नेटवर्क चलाया जा रहा था। कॉन्स्युलेट के कुछ लोग जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि हम कितने प्रोफेशनल तरीके से जांच करते हैं।”

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from Dainik Bhaskar 

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