अमेरिका ने मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए दो एयरक्राफ्ट कैरियर उतारे, इसी इलाके में चीन पहले से कर रहा एक्सरसाइज

साउथ चाइना सी में चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज के बीचअब अमेरिका ने भी इस क्षेत्र में दो एयरक्राफ्ट कैरियर भेज दिएहैं। चीन ने यहां 1 जुलाई से मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू की है जो पांच जुलाई तक चलेगी।अमेरिकी सेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता लेफ्टिनेंटजो जैली ने शुक्रवार को बताया कि यूएसएस निमिट्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन कैरियर साउथ चाइना सी में फिलीपींस के क्षेत्र में होगा। इन एयरक्राफ्ट कैरियरों के साथ चार वॉरशिप भी शामिल हैं।

अमेरिका चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज का विरोध कर रहा
अमेरिका ने यह फैसला ऐसे समय लिया, जब चीन पहले से ही इस क्षेत्र में विवादित पारासेल आईलैंडके पास एक ड्रिल कर रहा है। इसका अमेरिका समेत कई देशों ने विरोध किया था। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा था कि इससे चीन की एक्सरसाइज में साउथ चाइना सी में हालातबिगड़ेंगे। इस क्षेत्र में विवादित गतिविधियों को रोकने के लिए हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन होगा।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने साधा चीन पर निशाना
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि अमेरिका अपने दक्षिणी एशियाई साथियों का समर्थन करता है। चीनका विवादितक्षेत्र में मिलिट्री एक्सरसाइजकरना एक उकसाने वाला काम है। हम इस क्षेत्र पर चीन के गैर-कानूनी दावों का विरोध करते हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन के दावों के विरोध में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन के जरिए चुनौती दी थी।

क्या है दक्षिणी चीन सागर विवाद
दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों को लेकर कई देशों के बीच दशकों से विवाद है। इनमें ब्रुनेई, चीन, जापान, मलेशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। यह विवाद समुद्री क्षेत्र पर अधिकार को लेकर है। इसमें क्षेत्र मेंपारासेल और स्प्रैटली दो महत्वपूर्ण आईलैंडहैं। इसको लेकर भी विवाद है। दक्षिण चीन सागर के समुद्र में तेल और गैस के कई विशाल भंडार दबे हुए हैं। यही भंडार इस इलाके के कई देशों के बीच विवाद का कारण बन गए हैं। यहां का समुद्री रास्ता भी व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

वियतनाम और फिलीपींस चीन के सबसे बड़े विरोधी
वियतनाम और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं। उनका मानना है कि चीन इस क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहता है। साथ ही वह इंटरनेशनल मैरिटाइम लॉ का उल्लंघन करता है। चीन इस क्षेत्र के लगभग 80% से ज्यादा क्षेत्रों पर अपना दावा करता है।





from Dainik Bhaskar

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