पाकिस्तान सरकार ने कहा- कुलभूषण जाधव को कोई राहत नहीं दी, हमने इस मामले में भारत की चाल नाकाम कर दी

पाकिस्तान सरकार ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि जेल में बंद भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को राहत दे रही है। पाकिस्तान जाधव को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट बताता है। कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा- हम जाधव को न तो किसी तरह की राहत दे रहे हैं और न ऐसा कोई इरादा है। हमने तो कॉन्स्युलर एक्सेस देकर भारत के हाथ से एक हथियार छीन लिया है।

नसीम ने क्या कहा
नसीम ने शुक्रवार शाम संसद में एक बहस के दौरान कहा- जाधव को राहत या इस मामले में फिर से विचार करने के आरोप पूरी तरह गलत हैं। हमारी सरकार ने इस मामले में वही किया जो इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने कहा था। अगर हम ये नहीं करते तो भारत इस मामले को दुनिया के सामने रखता और हम पर कई आरोप लगाए जाते। विपक्ष को तो हमारी तारीफ करनी चाहिए कि हमने भारत के हाथ से एक हथियार छीन लिया।

भारत के दबाव में पाकिस्तान
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके जाधव को वकील मुहैया कराने की मंजूरी मांगी थी। विपक्ष के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने इसका विरोध करते हुए गुरुवार को संसद में यह मसला उठाया। भुट्टो ने कहा- सरकार जाधव को राहत दे रही है। उसके मामले पर फिर से विचार किया जा रहा है। भुट्टो इशारों में यह कहने से भी नहीं चूके कि इमरान सरकार पर भारत का दबाव है।

सरकार का क्या दावा है
इमरान सरकार का दावा है कि जाधव को आईसीजे के आदेशों के तहत ही वकील मुहैया कराया जाना है। कॉन्स्युलर एक्सेस भी इसीलिए दिए गए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो भारत यह मामला यूएन सिक्युरिटी काउंसिल और दुनिया के सामने उठाता, इससे सरकार परेशानी में आ सकती थी।

जाधव मामला: एक नजर में
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के जासूस हैं। भारत उन्हें कारोबारी बताता है। पाकिस्तान कहता है कि जाधव को 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। भारत कहता है कि जाधव को ईरान से अगवा करके लाया गया। 2017 में पाकिस्तानी की फौजी अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई। भारत आईसीजे गया। वहां सजा के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई। पाकिस्तान से कॉन्सुलर एक्सेस देने को कहा गया।

 

   
from Dainik Bhaskar  

Post a Comment

0 Comments