चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की मांग, सड़कों पर उतरे लोग; उन पर हत्या के दोषी डीआईजी की सजा माफ करने का आरोप

नेपाल में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से बवाल हो गया है। 2012 में पत्नी के हत्या के दोषी डीआईजी को लोअर कोर्ट ने उम्रकैद सुनाई थी। ऊपरी अदालत ने सजा बरकरार रखी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा ने दोषी की बाकी सजा माफ करते हुए उन्हें रिहा करने के आदेश दिए। डीआईजी रंजन कोइराला चीफ जस्टिस के दोस्त बताए जाते हैं। अब लोग चीफ जस्टिस पर महाभियोग की मांग कर रहे हैं।

पहले मामला जानिए
मामला जनवरी 2012 का है। डीआईजी कोइराला पर पत्नी गीता की हत्या और शव जलाने का आरोप लगा। पारिवारिक कलह के चलते कोइराला ने काठमांडू के सरकारी बंगले में गीता की गला घोंटकर हत्या की। शव के टुकड़े किए। फिर कुछ किलोमीटर दूर मकवानापुर के जंगल में जाकर इन्हें जला दिया। गड्ढे में जले हुए टुकड़े डालकर उन्हें मिट्टी से दबा दिया।

फोटो गुरुवार की है। तब पत्नी के कत्ल के दोषी रंजन कोइराला को जेल से रिहा किया गया था। उन्हें कम से कम 20 साल जेल में काटने थे। 8 साल में ही रिहाई हो गई।

कैसे पकड़े गए डीआईजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गीता के परिवार ने रंजन पर गीता की हत्या का आरोप लगाया। इस बीच वो दो बार उस जगह गए, जहां उन्होंने लाश के टुकड़े जलाए थे। वे यह चेक करने गए थे कि कहीं कोई सबूत तो नहीं छूट गया है। स्थानीय लोगों को शक हुआ। उन्होंने रंजन को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

कोर्ट में क्या हुआ
काठमांडू जिला अदालत ने कोइराला को पत्नी गीता के कत्ल का दोषी पाया। उम्रकैद की सजा सुनाई। तब इसका मतलब 20 साल होता था। 2018 में कानून बदला। उम्रकैद की मियाद 25 साल तय हो गई। हाईकोर्ट ने यह सजा बरकरार रखी।

सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस राणा का विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं। उनका आरोप है कि चीफ जस्टिस ने कत्ल के दोषी को रिहाई कराई है।

अब बवाल क्यों
रंजन ने सजा कम करने की अपील दायर की। चीफ जस्टिस राणा की अगुआई वाली बेंच ने 29 जून को चौंकाने वाला फैसला दिया। रंजन की सजा 8 साल 6 महीने कर दी। विरोध तभी से शुरू हो गया। लेकिन, सरकार और न्यायपालिका ने इसकी परवाह किए बिना गुरुवार को रंजन को जेल से रिहा कर दिया। अब लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आरोप है कि रंजन कोइराला और चीफ जस्टिस राणा करीबी दोस्त हैं। इसी वजह से कत्ल के दोषी को रिहा किया गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
काठमांडू की सड़कों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध हो रहा है। लोगों का आरोप है कि इस फैसले से लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा खत्म हो जाएगा।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2EkAW4K
https://ift.tt/3hGvC9Z

Post a Comment

0 Comments