संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शनिवार को बराकाह न्यूक्लियर पावर प्लांट शुरू करने की घोषणा की। यह प्लांट अरब का पहला कमर्शियल न्यूक्लियर पावर प्लांट है। यूएई के प्रधानमंत्री मोहम्मद-बिन-राशिद ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की। पहले इस प्लांट को 2017 में शुरू होना था। लेकिन, बार-बार सुरक्षा कारणों से इसमें देरी होती रही।
उन्होंने ट्वीट किया- आज हम आधिकारिक तौर पर आबू धाबी के बाराकाह स्टेशन पर अरब का पहले न्यूक्लियर पावर प्लांट के शुरू होने की घोषणा करते हैं। एक्सपर्ट की कई कोशिशों के बाद हमने प्लांट को सफलतापूर्वक शुरू कर लिया है।
यूएई के लिए मील का पत्थर साबित होगा प्लांट
यूएई लीडर्स ने इस उपलब्धि को देश के वैज्ञानिक विकास के लिए मील का पत्थर बताया। बाराकाह प्लांट को एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कॉर्पोरेशन (ईएनईसी) और कोरिया इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (केईपीसीओ) ने मिलकर डेवलप किया है। इसमें 1400 मेगावाट के प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर से एनर्जी जेनरेट होगी। एपीआर-1400 नाम के इन वाटर रिएक्टर को दक्षिण कोरिया में डिजाइन किया गया है।
4 में से 1 परमाणु रिएक्टर शुरू
यूएई के न्यूक्लियर रिएक्टर में दक्षिण कोरियाई तकनीक का उपयोग किया गया है। बाराकाह प्लांट में 4 में से 1 रिएक्टर में काम भी शुरू हो गया है। इस प्लांट के जरिए यूएई अपनी ऊर्जा की जरूरत का एक चौथाई हिस्से को पूरा करना चाहता है।
1.82 लाख करोड़ रु का प्रोजेक्ट
जर्मन मीडिया डी डब्ल्यू के मुताबिक, चारों रिएक्टर के शुरू होने के बाद 5600 मेगावाट बिजली पैदा होगी। बाराकाह प्लांट को बनाने में करीब 24.4 अरब डॉलर (करीब 1.82 लाख करोड़ रु.) लगे हैं। यह संयुक्त अरब अमीरात की एक चौथाई बिजली की आपूर्ति पूरी कर सकता है।
कुछ दिन पहले लॉन्च किया था मार्स मिशन
कुछ दिनों पहले ही यूएई ने मार्स मिशन 'होप' जापान के तानेगशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। इसे मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज के एच-आईआईए रॉकेट से लॉन्च किया गया था। खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग में पांच दिन की देरी हुई थी। रूस, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, चीन, जापान, भारत के बाद यूएई यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का सातवां देश है।
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