चीन ने एक बार फिर से भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर नरमी दिखाई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को कहा कि सीमा पर शांति के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के साथ बेहतर रिश्ते कायम करना हमारी प्राथमिकता है। भारत और चीन के लिए यह जरूरी है कि दोनों देश अपने आपसी रिश्ते बेहतर बनाए रखें। हम अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
चीन और भारत के बीच इस साल 15 जून को लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद के बाद से ही तनाव है। इस घटना में भारत के दो अफसर समेत 20 सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेना सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई बार बात कर चुकी है।
हमने अमेरिका को सही जवाब दिया: चीन
झाओ ने कहा कि अमेरिका ने चीन पर बिना वजह दबाव बनाया, जिसका हमने सही जवाब दिया है। हालांकि, हमने कई बड़े देशों के साथ अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश की है। चीन ने रूस और यूरोपीय यूनियन के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए भी लगातार काम किया है। महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे कामों के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा कि हम संक्रमण रोकने के लिए अमेरिका, रूस, यूरोपीय यूनियन, जापान और भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हम जरूरतमंद देशों को दवा और वैक्सीन तैयार करने में भी मदद करने की योजना बना रहे हैं।
भारत-चीन की सेना के बीच 8 अगस्त को हुई थी चर्चा
भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 8 अगस्त को मेजर जनरल लेवल की मीटिंग हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देप्सांग समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के तनाव वाले इलाकों से सेना पीछे हटाने को लेकर चर्चा हुई। भारत, चीन पर जल्द से जल्द से सेना पीछे हटाने के लिए जोर दे रहा है। भारत चाहता है कि चीन पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में 5 मई को पैंगोंग त्सो में हुए विवाद से पहले वाली स्थिति बहाल करे।
सीमा पर सैनिक बढ़ा रहा और शांति की बात कर रहा चीन
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान वैली और कुछ अन्य तनाव वाले इलाकों से तो सेना पीछे हटा ली है। लेकिन, पैंगोंग त्सो, गोगरा और देप्सांग से भारत की मांग के मुताबिक चीन सैनिक पीछे नहीं हटा रहा है। लेकिन, समय- समय पर यह भारत के साथ संबंध सुधारने की बात कह रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान और भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग कई बार सीमा पर शांति बहाल करने की बात कह चुके हैं।
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