दो आतंकियों को मार गिराने वाली 16 साल की कमर गुल ने कहा- मैं उनसे नहीं डरती, फिर लड़ने तैयार हूं

अफगानिस्तान के घोर प्रांत की रहने वाली 16 साल की कमर गुल के सामने ही तालिबानी आतंकियों ने उसके माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद गुल ने भी पिता की एके-47 से दो आतंकियों को मार गिराया था, जबकि अन्य को भागने पर मजबूर कर दिया था। गुल ने न्यूज एजेंसी एएफपी से गुरुवार को कहा कि वह उनसे नहीं डरती और एक बार फिर उनसे लड़ने के लिए तैयार हैं।

गुल अभी सुरक्षाबलों की देखरेख में अपने रिश्तेदार के यहां हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर गुल की हाथ में एक मशीनगन लिए फोटो खूब वायरल हुई थी। लोगों ने उनकी तारीफ की थी और उन्हें अफगानिस्तान की बहादुर लड़की बताया था।

गुल ने बताया- घटना वाले दिन क्या हुआ

गुल घटना वाले दिन को याद करते हुए कहती हैं, ‘‘जब तालिबानी आतंकी मेरे घर में घुसे, तब आधी रात थी। मैं और 12 साल का मेरा छोटा भाई अपने कमरे में सो रहे थे। उसी समय मैंने कुछ लोगों के दरवाजा पीटने की आवाज सूनी। मेरी मां उन्हें रोकने के लिए दौड़ी, लेकिन तब तक वे दरवाजा तोड़ चुके थे।’’

‘‘आतंकवादियों ने मेरी मां और पिता को घसीटकर घर से बाहर ले गए और उन्हें कई बार गोली मारी। मैं इससे घबरा गई। लेकिन, कुछ ही पल बाद मुझे बहुत गुस्सा आया। इसके बाद मैंने घर में रखी अपने पिता की बंदूक उठाकर दरवाजे पर गई और उनपर गोली चलाने लगी।’’ गुल ने अपने पिता से एक-47 रायफल चलाना सिखा था।

दूसरा आतंकी भाग गया

‘‘फायरिंग में दो आतंकी मारे गए। इसके बाद आतंकियों में से एक, जो उनका लीडर लग रहा था, उसने वापस फायर करने की कोशिश की, तब तक मेरा छोटा भाई मुझसे बंदूक लेकर उनपर फायरिंग करने लगा। इस दौरान दूसरे आतंकी को गोली लगी, लेकिन वह भाग गया। तब तक, कई ग्रामीण और सरकार समर्थक मिलिशियां घर पर आ चुके थे।’’

हमलावरों में गुल का पति भी शामिल: एनवाईटी

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुधवार को बताया कि गुल के घर पर हुई हत्या का कारण पारिवारिक कलह भी था। हमलावरों में से एक गुल का पति था। अखबार ने गुल के रिश्तेदारों और अधिकारियों के हवाले से कहा कि उसका पति शादी के बाद जबरन उसे अपने साथ ले जाना चाहता था।

अधिकारियों ने एएफपी को बताया कि तालिबानी आतंकी गुल के पिता को इसलिए मारने आए थे, क्योंकि वे सरकार के समर्थक थे। वे गांव के प्रधान भी थे।आतंकी सरकार के मुखबिरी के संदेह में आए दिन गांव वालों को मारते रहते हैं। यहां हमेशा सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच संघर्ष होता रहता है।

अपने माता-पिता को अलविदा नहीं कह पाई

गुल ने कहा,‘‘मुझे गर्व है कि मैंने अपने माता-पिता के हत्यारों को मार डाला। मैंने उन्हें मार दिया, क्योंकि उन्होंने मेरे माता-पिता को मारा। मुझे पता है कि वे एक बार फिर मेरे और मेरे छोटे भाई के लिए आएंगे। गुल को पछतावा है कि वह अपनी मां और पिता को अलविदा नहीं कह पाई। दोनों तालिबानी आतंकियों को मारने के बाद मैं माता-पिता के पास गई थी, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मुझे दुख होता है, मैं उनसे आखिरी बार बात नहीं कर पाई।’’

सोशल मीडिया पर लोगों ने सुरक्षा मांगी

सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोग सरकार से गुल की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। कुछ ने उन्हें अफगानिस्तान से बाहर भेजने की मांग की है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सेदिक सिद्दकी ने गुल की तारीफ की और कहा कि गुल ने दुश्मनों से अपने परिवार की रक्षा की।

तालिबान के एक प्रवक्ता ने इलाके में ऐसा हमला होने की बात कही है। लेकिन समूह के किसी भी आतंकी के किसी लड़की द्वारा मारे जाने की बात से इनकार किया है।

 

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from Dainik Bhaskar  

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