28 साल के नाथन ग्रेजुएट भी नहीं, पर अर्थशास्त्र पर सबसे ज्यादा पढ़े जाते हैं, फेडरल रिजर्व भी सुझाव मानता है










नाम- नाथन टैंक्स। उम्र- 28 साल। पढ़ाई- ग्रेजुएट भी नहीं। प्रभाव- अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) भी इनके लिखने के बाद एक्शन लेता है। ख्याति- अमेरिका में अर्थव्यवस्था पर सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखक।

ब्लूमबर्ग, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे संस्थान के पत्रकार, इकोनॉमिक थिंक टैंक, वाॅल स्ट्रीट इकोनॉमिस्ट, इन्वेस्टमेंट बैंकर ट्विटर पर इन्हें फॉलो करते हैं। इनके फॉलोअर्स में पीटर ओरजैंग भी हैं, जो ओबामा प्रशासन में फाइनेंशियल एडवाइजरी के सीईओ थे। रिपब्लिकन पार्टी के सीनियर अर्थशास्त्री एलन कोल भी इनकी सलाह लेने से हिचकते नहीं हैं।

नाथन आर्थिक तंगी की वजह से बैचलर डिग्री पूरी नहीं कर पाए। लगन, मेहनत और स्वाध्याय से उन्होंने इकोनॉमिक्स और फाइनेंस में इतना नॉलेज हासिल कर लिया है कि आज वह फेडरल रिजर्व पर लिखने वालों में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले टिप्पणीकार बन गए हैं। इस साल उन्होंने एक न्यूजलेटर जारी किया। इसे अमेरिका की तकरीकबन सभी बड़ी अर्थव्यवस्था से जुड़ी संस्था फाॅलो कर रही है।

2015 से ऑनलाइन फॉलोअर्स बना रहे हैं

टैंक्स 2015 से ऑनलाइन फॉलोअर्स बना रहे हैं, लेकिन पिछले साल से वे अपने फाॅलोअर्स को मॉनेटरी मैकेनिक्स की गहराई समझा रहे हैं। सितंबर में उन्होंने सुरक्षित कर्ज बाजार की समस्या और उसके समाधान पर लिखा। इससे फेडरल रिजर्व फिर से बड़े पैमाने पर ट्रेजरी बॉन्ड्स खरीदने के लिए मजबूर हुआ। इस साल टैंकस ने नोट्स ऑन क्राइसिस नाम से एक विस्तृत सीरीज लिखी है, जो फेड द्वारा कोरोना से लड़ाई के लिए उठाए गए इमरजेंसी एक्शन को समझाता है।

जॉर्ज मैसोन यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ शोधकर्ता डेविड बैकवर्थ कहते हैं- ‘नाथन के पास वास्तव में हमारे मॉनेटरी सिस्टम को समझने और उसकी कमियों को दुरुस्त करने के लिए अच्छा नॉलेज है। वह स्मार्ट और तथ्यों भरा जवाब देता है।’ इंटरनेट पर चल रही इकोनॉमिक और फाइनेंस की बहस में टैंकस का जवाब सबसे रोचक है। टैंक्स ने इंटरनेट पर गेटकीपर्स की कमी का पूरा फायदा उठाया है। इंटरनेट पर पॉलिसी या लोगों से जुड़े मुद्दे पर लिखी तीखी और तर्कों के साथ टिप्पणी किसी इकोनॉमिक्स के जनरल में छपे लेख से ज्यादा असरकारी होती हैं।

टैंक्स अपने न्यूजलेटर के सब्सक्रिप्शन से सालाना 35 लाख रुपए कमा लेते हैं। साथ ही उन्हें स्पीच और पत्र-पत्रिकाओं में लेख से 15 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है। नाथन कहते हैं कि अब यही मेरा करिअर है और मैं इसी क्षेत्र में आगे बढूंगा। https://bit.ly/3f810xu

लाॅ करना चाहता हूं ताकि ‘पैसे की उत्पत्ति’ का मामला सेटल कर सकूं

टैंक्स यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ मैन्चेस्टर से लॉ में पीएचडी करना चाहते हैं। इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि पैसे की उत्पत्ति (ओरिजीन ऑफ मनी) विषय पर बहस में एक निश्चित बिंदु पर मुझे लगता है कि इकोनॉमिक्स इसे सेटल नहीं कर सकता। यह एक लीगल और ऐतिहासिक सवाल है। इसी को जानने के लिए मैं लॉ करना चाहता हूं।

दैनिक भास्कर से ब्लूमबर्ग के विशेष अनुबंध के तहत

from Dainik Bhaskar

https://www.jaihindtimes.in/

Post a Comment

0 Comments