हिंद महासागर में मॉरिशस के तट पर 25 जुलाई से फंसा जापान का जहाज अब कभी भी दो टुकड़ों में बंट सकता है। इस जहाज पर 2500 मीट्रिक टन तेल है। इसमें से एक हजार टन तेल रिस कर फैल चुका है। समुद्री सतह से तेल की सफाई करने में जुटे वॉलंटियर्स को मंगलवार को जहाज में नई दरारें नजर आईं। अगर यह जहाज टूटता है तो इससे हजारों समुद्री जीव मारे जाने का खतरा है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी काफी नुकसान होगा। समुद्र की सफाई आसान नहीं होगी।
जहाज पर 2500 मीट्रिक टन कच्चा तेल
मॉरिशस के सांसद सुनील द्वारका सिंह के मुताबिक, इस पर तेल से भरे तीन टैंक हैं। इनमें से एक टैंक से तेल का रिसाव शुरू हुआ था। फिलहाल, इस टैंक की मरम्मत कर दी गई है। फंसे हुए जहाज से दूसरे जहाजों और टैंकों की मदद से तेल निकालने का ऑपरेशन जारी है। कोशिश की जा रही है कि जहाज के टूटने से पहले सारा कच्चा तेल इससे निकाल लिया जाए। अब भी जहाज पर 2500 मिट्रिक टन कच्चा तेल है। मौसम अच्छा होने की वजह से जहाज को खाली करने का काम तेजी से किया जा रहा है।
मॉरिशस ने एनवॉयरमेंटल इमरजेंसी घोषित की
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने इस मामले पर 8 अगस्त को एनवॉयरमेंटल इमरजेंसी यानी पर्यावरण आपातकाल का ऐलान किया था। देश के पर्यावरण मंत्री केवी रमनाओ ने कहा है कि यह हमारे देश के पर्यावरण से जुड़ा बड़ा संकट है। जहाज से तेल का रिसाव ऐसी जगह पर हुआ है जो ब्लू बे मरीन पार्क रिजर्व और आइलैंड के पास है। इससे मरीन रिजर्व पार्क के समुद्री जीवों और पौधों की कई प्रजातियों को खतरा है। आसपास कई समुद्री तट ऐसे हैं, जहां पर बड़ी तादाद में टूरिस्ट पहुंचते हैं। रिसाव के बाद मॉरिशस के कई समुद्री तटों पर पानी का रंग काला हो गया है।
फ्रांस और जापान ने अपनी टीमें मॉरिशस भेजी
फ्रांस के प्रधानमंत्री इम्मैनुएल मैक्रों ने अपनी रेस्पॉन्स टीमों को मॉरिशस रवाना कर दिया है। जापान ने भी अपनी 6 सदस्यों वाली डिजास्टर रिलीफ टीम भेजी है। तेल की सफाई के लिए 400 सी बूम को भी लगाया गया है। इसके साथ ही हजारों वॉलंटियर्स भी इसमें मदद कर रहे हैं। मॉरिशस ने मामला सामने आने के बाद इससे निपटने के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं होने की बात कही थी और जापान और फ्रांस से मदद की अपील की थी।
खराब मौसम की वजह से जहाज को नुकसान हुआ था
कार्गो शिप एमवी वकाशियो जापानी कंपनी मिटसुई ओएसके लाइन्स की है। चीन से ब्राजील जाने के दौरान खराब मौसम की वजह से इस जहाज में दो हफ्ते पहले कुछ तकनीकी खराबी आई थी। निचली सतह में दरार की भी जानकारी मिली। इसके बाद से शिप को खाली किए जाने की मशक्कत जारी है। कंपनी ने तेल रिसने की वजह से हुए नुकसान को लेकर माफी मांगी है। कंपनी ने कहा है कि उसने मॉरिशस सरकार की मदद के लिए एक्सपर्ट टीम भेजने का फैसला किया है।
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