पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और खुद के संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए चीन को गिलगित-बाल्टिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे दी है। पाकिस्तान की सरकार ने यहां पर सोने, यूरेनियम और मोलिब्डेनम के खनन के लिए चीनी कंपनियों को करीब दो हजार से अधिक पट्टे जारी हैं।
यूएन में मुद्दा उठाएगी यूकेपीएनपी
यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने इसकी जानकारी दी है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम यहां के नेचुरल रिसोर्स पर पाकिस्तानी लूट के षडयंत्र का पर्दाफाश करेंगे। जेनेवा में यूनाइटेड नेशंस के चौथे कन्वेशन में यह मुद्दा उठाएंगे।" अजीज जेनेवा में रहते हैं।
संविधान में नहीं है अधिकार
अजीज ने बताया कि पाकिस्तान के आर्टिकल 257 के मुताबिक सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में नेचुरल रिसोर्स को लूटने की छूट नहीं है। स्थानीय लोगों से भी सलाह नहीं ली जाती है। उनके हितों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। अगर कोई विरोध करता है तो उसे प्रताड़ित किया जाता है।
पाकिस्तान, चीन के साथ मिलकर दियामार डैम भी बना रहा
चीन और पाकिस्तान मिलकर दियामार में सिंधु नदी पर दियामर बाशा बांध बना रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार ने 444 अरब (पाकिस्तानी रुपए) का कॉन्ट्रैक्ट चीनी फर्म चाइना पॉवर और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) के साथ साइन किया। एफडब्ल्यूओ पाकिस्तानी सेना की कमर्शियल विंग है, जो बांध आदि का निर्माण करती है। इसमें चीन की चाइना पॉवर की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी, जबिक पाकिस्तान की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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