रूस अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन को नहीं जीतते देखना चाहता। जबकि चीन- ईरान की मंशा मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को नहीं जीतते देखने की है। अमेरिका के नेशनल काउंटर-इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) के प्रमुख विलियम इवानिना ने यह दावा किया है। इवानिना ने कहा कि रूस बाइडेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।
इसका कारण यह है कि बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उपराष्ट्रपति रहते हुए बाइडेन ने रूस के विरोधी यूक्रेन का समर्थन किया था। बाइडेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बोलते रहे थे। जबकि चीन मानता है कि ट्रम्प मनमानी करते हैं। इससे चीन को नुकसान होता है। ट्रम्प के फैसले बेहद चौंकाने वाले होते हैं। यही वजह है कि चीन अमेरिका में वोटों को प्रभावित करने की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। उधर, ईरान राष्ट्रपति ट्रम्प को कमजोर देखना चाहता है। इसलिए वह ट्रम्प के खिलाफ फर्जी खबरें चला रहा है। ईरान मानता है कि ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने से उस पर अमेरिका का दबाव और बढ़ सकता है।
मुझे जिताने में रूस की दिलचस्पी नहीं: ट्रम्प
राष्ट्रपति ट्रम्प ने एनसीएससी प्रमुख के बयान पर कहा, ‘मुझे चुनाव जिताने में रूस की कोई दिलचस्पी नहीं होगी क्योंकि मैंने उस पर जितनी सख्ती बरती, उतनी किसी ने नहीं। रूस मुझे दोबारा राष्ट्रपति कार्यालय में नहीं देखना चाहेगा। चीन जरूर चाहेगा कि मैं चुनाव हार जाऊं। अगर बाइडन चुनाव जीते तो चीनी इस देश के मालिक बन जाएंगे। चीन ही अमेरिका को चलाने लगेगा।’
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