कुलभूषण जाधव मामले में भारत के बढ़ते कूटनीतिक दबाव के आगे पाकिस्तान झुकने लगा है। शनिवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच बनाई। इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट ने जाधव का पक्ष रखने के लिए तीन वकीलों को अपॉइंट किया था।
जियो न्यूज के मुताबिक नई बेंच में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिन्लाह, जस्टिस आमिर फारुक और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब शामिल हैं। नई बेंच तीन सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी। भारत लगातार पाकिस्तान पर दबाव बना रहा था कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाए।
इमरान सरकार ने भारत से संपर्क करने का दावा किया
इमरान सरकार ने जाधव के लिए लीगल रिप्रेंजेटेटिव नियुक्त करने के लिए भारत से संपर्क करने का दावा किया है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद कोर्ट ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय को ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि इस बारे में पाकिस्तान ने कुछ नहीं बताया है।
कुलभूषण को 2017 में फांसी की सजा सुनाई गई थी
कुलभूषण को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2017 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। इस बीच सुनवाई में कुलभूषण को अपना पक्ष रखने के लिए कोई कॉन्सुलर एक्सेस भी नहीं दिया गया। इसके खिलाफ भारत ने 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया। आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव की फांसी रोकने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
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