नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर दावा किया है कि भगवान श्री राम की जन्मस्थली नेपाल का चितवन जिला है। इसी जिले में माडी नगरपालिका क्षेत्र है। इसके एक क्षेत्र का नाम अयोध्यापुरी है। शनिवार को ओली ने इस क्षेत्र के अधिकारियों से फोन पर बातचीत की। उन्हें राम, लक्ष्मण और मां सीता की प्रतिमाएं लगाने के आदेश दिए। अफसरों से कहा- अयोध्यापुरी को ही असली अयोध्या के तौर पर प्रोजेक्ट और प्रमोट करें।
दो घंटे चली मीटिंग
नेपाल के अखबार ‘हिमालयन टाइम्स’ के मुताबिक ओली ने माडी और चितवन के अधिकारियों और नेताओं से दो घंटे फोन पर बातचीत की। आगे बातचीत के लिए उन्हें काठमांडू भी बुलाया। ओली ने कहा, "मुझे भरोसा है कि भगवान राम का जन्म नेपाल के अयोध्यापुरी में हुआ था। भारत के अयोध्या में नहीं। मेरे पास सुबूत हैं, जो यह साबित कर देंगे कि भगवान राम का जन्म नेपाल में ही हुआ था।"
खुदाई कर सबूत जुटाने को कहा
चितवन जिले की सांसद दिल कुमारी रावल ने कहा- पीएम ने कहा है कि अयोध्यापुरी के आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण के लिए पूरी ताकत से काम करें। प्रमाण जुटाने लिए अयोध्यापुरी की खुदाई करने को भी कहा। इसके साथ ही अयोध्यापुरी को प्रमोट करने और वहां के ऐतिहासिक साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेने का आदेश भी दिया।
पार्टी के अंदरूनी मामलों से ध्यान हटाने की कोशिश
दरअसल, पीएम ओली इस विवाद को हवा देकर पार्टी के अंदरूनी मामलों से सबका ध्यान हटाना चाहते हैं। हाल ही में पार्टी में उनके विरोधी प्रचंड ने बेहद सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने अपने समर्थकों से बुरे वक्त के लिए तैयार रहने को कहा है। प्रचंड की मांग है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर पार्टी अध्यक्ष छोड़ें। ओली ने पहले भारत के साथ सीमा विवाद कर लोगों को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ा और अब राम जन्म स्थान का विवाद छेड़कर मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
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