अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन के ईरान में एंट्री से मध्य पूर्व के देशों में अशांति फैलेगी। उन्होंने शनिवार को फॉक्स न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में कहा- ईरान अब भी आतंकियों को पनाह देने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है। ऐसे में चीन के जरिए वहां पैसे और हथियार पहुंचने पर इस क्षेत्र में अशांति बढ़ने की आशंका है। इससे सऊदी अरब और इजराइल जैसे देशों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
पोम्पियो ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से दुनिया के लिए खतरा बढ़ रहा है। एक जैसी सोच रखने वाले दुनिया के देश चीन के खिलाफ एक साथ आ रहे हैं। यह देशों के लोकतंत्र और उनकी आजादी की रक्षा के लिए जरूरी है।
क्यों है अमेरिका को ईरान और चीन के सौदे से दिक्कत
ईरान और चीन के बीच बीते महीने अगले 25 साल के लिए एक बिजनेस डील होने की बात सामने आई थी। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, इसके तहत ईरान चीन को सस्ती कीमत पर कच्चा तेल देगा। वहीं, चीन ईरान के प्रोजेक्ट्स में बड़े पैमाने पर पैसे लगाएगा। इसमें दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास करने, हथियार तैयार करने और खुफिया जानकारी एक दूसरे को देने जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। यही ईरान ने अमेरिका के साथ हुए समझौते से जुड़ी पाबंदियों को नजरअंदाज करते हुए यह डील किया। यही वजह है कि अमेरिका को इससे दिक्कत है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी है तनाव
अमेरिका और चीन के बीच महामारी शुरू होने के बाद से ही तनाव जारी है। अमेरिका ने चीन पर जानबूझकर दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया। दोनों देशों ने एक दूसरे के कई डिप्लोमैट के वीजा भी रद्द किए हैं। बीते हफ्ते अमेरिका ने चीन के दो कॉन्स्यूलेट बंद करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद चीन ने भी चेंग्दू स्थित अमेरिकी दूतावास को बंद करा दिया था। अमेरिका ने चीन एप्प टिकटॉक को भी अपने देश में बैन कर दिया है।
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