पाकिस्तान ने एक बार फिर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की। इस पर सुरक्षा परिषद ने कहा- कश्मीर भारत और पाकिस्तान का आपसी मुद्दा है। इसे दोनों देश मिलकर सुलझाएं। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों में से चार अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस भारत के पक्ष में रहे। चीन ने पहले की तरह पाकिस्तान का समर्थन किया।
यून में भारत के स्थाई प्रतिनिधी टीएस त्रिमूर्ति ने- सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बेनतीजा खत्म हुई। यह अनौपचारिक रही। इसे रिकार्ड नहीं किया गया। करीब-करीब सभी देशों ने माना कि कश्मीर वास्तव में भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। काउंसिल को इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
पाकिस्तान ने तीसरी बार उठाया था कश्मीर का मुद्दा
पाकिस्तान ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यूएन में तीसरी बार यह मुद्दा उठाया। इसके लिए उसने लेटर लिखा था। यूएन के ज्यादातर डिप्लोमैट ने कहा- अनुच्छेद 370 को हटाए एक साल पूरा हो गया है। इसलिए पाकिस्तान की तरफ से इस मुद्दे को उठाए जाने की कोशिश तय थी। चीन उसकी मदद कर रहा था। चीन ने ही ‘एनी अदर बिजनेस’(एओबी) नियम के तहत इस पर चर्चा की मांग की थी। इस चर्चा में कोई भी सदस्य किसी भी मुद्दे को काउंसिल में रख सकता है।
पाकिस्तान को मिला इंडोनेशिया का साथ
इस बार पाकिस्तान को चीन के अलावा इंडोनेशिया का भी साथ मिला। रोटेशनल पॉलिसी के तहत इंडोनेशिया को बैठक की अगुआई करनी थी। लिहाजा, उसने इस प्रस्ताव पर चर्चा की मांग में पाकिस्तान का साथ दिया। हालांकि, बाद में इस तरह की रिपोर्ट्स भी आईं कि इंडोनेशिया भी भारत के साथ है। उसने भी कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला बताया।
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