लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए विस्फोट के बाद से ही देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच रविवार को लगातार दूसरे दिन झड़प हुई। इस बीच सरकार पर आरोप लगाते हुए तीन मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। देश में जारी आर्थिक संकट से निपटने में विफल रहने के साथ ही सरकार विस्फोट के बाद भी गंभीर नहीं है।
पर्यावरण मंत्री दामियनोस कत्तर, सूचना मंत्री मनल अब्दल समद और न्याय मंत्री मैरी क्लाउड नजम ने सरकार से इस्तीफा दिया है।
करीब 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन किया
प्रदर्शनकारियों ने रविवार को बेरुत में संसद के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया। यहां शहीद चौक पर लगभग 10 हजार लोग जमा हुए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच युद्ध जैसी स्थिति हो गई। पुलिसकर्मियों और लोगों के बीच जमकर पथराव हुए। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
प्रदर्शन में 170 लोग घायल
कुछ प्रदर्शनकारियों ने सरकारी मंत्रालयों और बैंकों पर भी धावा बोल दिया। रेड क्रॉस ने कहा कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 170 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- हमने इन नेताओं को लोगों की मदद करने के लिए बहुत सारे मौके दिए, लेकिन वे हमेशा फेल हुए। हम चाहते हैं सरकार इस्तीफा दे। खासतौर पर हिजबुल्लाह, क्योंकि यह एक मिलिशिया है और सिर्फ अपने हथियारों से लोगों को डराता है।
पूरी सरकार इस्तीफा दे
लोगों का कहना है कि पूरी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। देश के शीर्ष क्रिश्चियन मारोनाइट पादरी पैट्रिआर्क बेचर बूतरोस अल-राय ने कहा कि कैबिनेट को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे शासन करने के तरीके को नहीं बदल सकते। एक सांसद या मंत्री का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। पूरी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। वे देश को उबरने में असमर्थ है।
बेरुत पोर्ट के पास मंगलवार को 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में हुए विस्फोट में 158 लोगों की मौत हो गई थी और 6,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। व
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